शंभूराजे से छत्रपति शम्भाजी राजे भोसले शंभूराजे एक महान शक्तिशाली मराठा के शासक हुवे मराठे लोग अपने राजा या महाराजा को छत्रपति कहकर पुकारते है छत्रपति, का अर्थ है सभी को छाया देना, सभी की रक्षा करना छत्रपति कहलाता है| शंभूराजे अपने जीवनकाल में कुल 121 युद्ध लड़े और सभी युद्ध जीते शंभूराजे, को उन महान राजाओं में गिना जाता है जैसे की प्राचीन कल के सिकंदर महान वैसे ही हमारे 16वी शताब्दी के मराठा साम्राज्य के दूसरे छत्रपति संभाजी राजे भोसले जी थे | शंभूराजे का जन्म 14 मई 1657 ईसवी को पुरंदर के किले में छत्रपति शिवाजी महराज के घर हुवा उनकी माता का नाम सईबाई था सईबाई छत्रपति शिवाजी महराज की पहली पत्नी थी शम्भाजी के जन्म के ढाई साल बाद उनकी मृत्यु हो गई शम्भाजी का लालन पोसन उनकी दादी माँ जीजाबाई ने किया जीजाबाई शिवाजी महराज की माता थी| शंभूराजे का बचपन कैसे बीता(How did Shambhuraje spend his childhood?)-: शंभूराजे बचपन से ही बहुत शक्तिशाली व दयालु प्रवृति के थे उन्होंने हमेशा अपने पिता, व दादाजी, दादीजी की हर बात को आज्ञा माना और हमेशा से अपने पिता जैसे बनना चाहते थे और शंभूराजे की देखभाल उनकी दादी माँ ने किया जब तक वे अपने पैरो पर खड़े व हर चीज समझने न लगे हो उनकी दादी माँ चाहती थी की शम्भू राजे भी अपने पिता की तरह बने और वो हमेशा से शिवाजी की तरह ही शंभूराजे को भी राष्ट्रप्रेम, हिंदीव स्वराज्य, धरम रक्षक, देशप्रेम, और उच्च आदर्शवादी ज्ञान दिया करती थी| शम्भाजी राजे की शिक्षा व उनके द्वारा लिखे गए ग्रन्थ(Education of Shambhaji raje and the books written by him)-: शम्भाजी राजे ने अपनी शिक्षा की शुरुआत तो अपनी दादी में से ही शुरू कर दी थी इसके पश्चात् उनकी शिक्षा काशीराम शास्त्री द्वारा पूरी हुई उन्होंने काशीराम द्वारा सीखे गए विषय भूगोल, गणित, इतिहास, रामायण, महाभारत आदि शीखा था| और साथ ही शारीरिक ज्ञान अपने पिता शिवाजी महराज द्वारा तलवार बाजी , धनुष बाण, आदि ज्ञान लिया था| उन्होंने 14 वर्ष की आयु में उन्होंने अनेक ग्रन्थ लिख डाले जैसे कि नायिकाभेद, नखशिख, सात्श्जा