नेशनल कैंडी डे 2025: मिठास का प्रतीक, सुनहरे पलो के दिन”
नेशनल कैंडी डे यह दिन मिठास से भरा होता है, कैंडी मिठास के प्रति भावुक करती है, यह दिन हर मिठाइयों को अपनाने और उनके मिठास के प्रति समर्पित होता है।
नेशनल कैंडी डे क्या है?
राष्ट्रीय कैंडी दिवस एक सुनहरा दिन होता है। यह दिन लोगो के साथ बिताने, और सब कुछ खाने, और उसके बाद मीठा खाने को उत्साहित करने वाला दिन होता है। हर साल 4 नवंबर को इस दिन को मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन होता जो लोगों को बिना किसी शर्म के अपनी पसंदीदा मिठाइयों का आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित करता है, इस दिन लोग अपने परिवार और , दोस्तो के साथ यह दिन साझा करते है।

कैंडी क्या है?
कैंडी, जिसे मिठाई या लॉली भी कहा जाता है। एक ऐसी मिठाई है जिसमें चीनी मुख्य रूप में होती है, इस मिठाई को शुगर कनफेक्शनरी भी कहा जाता है, इसमें चॉकलेट, च्यूइंगम और चीनी कैंडी सहित तमामो मिठाई शामिल होते है। इसके अंतर्गत कोई भी सब्जी, मेवे , और फल जिन पर ग्लैज और शुगर की परत चढ़ाई जाती हो उन्हें कैंडीज कहते है
नेशनल कैंडी डे क्यों मनाया जाता है?
नेशनल कैंडी दिवस हर साल 4 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन लोगों और समाज में कैंडी के प्रति प्रेम का जश्न मनाने के लिए, तथा सभी मिठाइयों का आनंद लेने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इसके साथ हमें कैंडी के इतिहास और इसके तमाम उपलब्धियों को जानने के लिए भी प्रेरित किया जाता है।
कैंडी एक ऐसा मिठास वाला पदार्थ होता है, जिसे हम वर्षों से इस्तेमाल करते है, और अपने पुरानी संस्कृति और परंपरा के अनुसार हम लोग मिलते कैंडी ही नहीं बल्कि नेशनल डेजर्ट डे भी मनाते है, क्योंकि डेजर्ट में भी मिठाइयों के प्रति प्रेरित किया जाता है, और खासकर मिठाइयों को बनाने वाले और किसानों के सम्मान का दिन होता है।
इतिहास:
कैंडी शब्द अंग्रेजी भाषा में पुरानी फ्रांसीसी भाषा के शब्द Cucre candi (“शुगर कैंडी”) से आया है। इस फ्रांसीसी शब्द की जड़े बहुत पुरानी है, और यह शब्द संभवतः अरबी भाषा के शब्द कंडी, फ्रांसीसी के शब्द कंद और संस्कृति के शब्द खंडा में है, जो सभी चीनी के लिय इस्तेमाल किया जाता है।
हमारे भारत देश में गन्ना का उत्पादन अधिकतम होता है, और भारत के उत्तर प्रदेश को नकदी फसल भी कहा जाता है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में गन्ना का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है, अब हम कैंडी किस्से बनता है, इसके इतिहास को समझते है, गन्ना दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया का मूल निवासी है। क्योंकि प्राचीन भारत और वर्तमान भारत में गन्ने के रस को उबालकर चीनी के टुकड़े बनाएं जाते थे और उनको खांड के रूप में खाए जाते थे।
कैंडी मधुमक्खियों के शहद के रूप मे भी अपनाई जाती थी, और इसको शहद के माध्यम से भी बनाया जाता है, परंतु प्राचीन चीन में शहद को कैंडी के रूप में पड़ोसी जाती थी। औद्योगित क्रांति से पहले , कैंडी को अक्सर एक प्रकार की दवा माना जाता था, जिसका इस्तेमाल या तो गले की खराश को कम करने के लिए किया जाता था, या तो पाचन तंत्र को सुधारने के लिए किया जाता था।
1830 के दशक में तकनीकी क्रांति आई जोकि प्रगति और चीनी उपलब्धता के कारण कैंडी के व्यापार में बढ़ावा के साथ मुनाफा भी हुआ, और नए बाजार में कैंडी पूर्ण रूप से फैल गई, और यह अमेरिका के गरीब मजदूरों के बच्चों के लिए फेवरेट बन गई क्योंकि यह मिठाई सस्ती और स्वादिष्ट होती थी।
नेशनल कैंडी दिवस को कैसे मनाएं:
. इस दिन अपने दोस्तों और परिवार वालो के साथ बैठकर अपनी पसंदीदा मिठाई का आनंद ले।
. सोशल मीडिया पर हेस्टिंग्स लगाकर हैप्पी National Candy Day एक दूसरे को विश करे।
. इस दिन गन्ना उत्पादन वाले क्षेत्रों को अच्छे से घूमे और गन्ने के रस का आनंद ले।
. इस दिन आप सब लोग मीठा पान में कैंडी डलवाकर खाएं ।
. आप सब लोग किसानों और कैंडी बनाने वाले उद्योगों के प्रति सम्मान की भावना उत्पन्न करें, और इनके मेहनत को समाज में उजागर करें।
निष्कर्ष:
राष्ट्रीय कैंडी दिवस सिर्फ खाने का त्यौहार नहीं है, बल्कि इसके इतिहास और उद्देश्य को समझने का त्यौहार है, यह दिन अपने परिवार और घरवालों के साथ बिताने का दिन है। कैंडी सिर्फ मीठा ही नहीं होता बल्कि यह हृदय में मिठास घोलने का कार्य करती है। और दवा के रूप में उभरती है।
सारांश:
इस लेख में नेशनल कैंडी डे से जुड़ी हर बातों को बहुत ही सरल और जुझारू शब्दों में बताया गया है, जोकि आपको समझने और पढ़ने में आसानी के साथ आनंद की प्राप्ति भी हो।