”अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस: आंखों की देखभाल और जागरूकता का संकल्प”
			”अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस: आंखों की देखभाल और जागरूकता का संकल्प”

अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस हर साल अक्टूबर के दूसरे सप्ताह के गुरुवार को मनाया जाता है। यह दिवस इस बार 9 अक्टूबर 2025 को मनाया जा रहा होगा। मनुष्य की दृष्टि का होना एक वरदान है, क्योंकि को लोग देख नहीं पाते वे लोग महसूस करके अपना जीवन व्याप्त करते है ।
अपने जीवन में उजाला लाने का प्रयास करते है। परंतु दृष्टि का होना अनिवार्य है हम आंखों के कारण हम एक दूसरे को देख पाते हैं रंग रूप, प्रकृति की सुंदरता तथा देश में हो रहे भ्रष्टाचार, और पर्यावरण को दूषित करने वाले अपशिष्ट पदार्थ प्लास्टिक प्रदूषण जैसे वस्तुओं को देखते हैं ।और उसे पर विचार विमर्श करके उसे पर रोक लगाते हैं।क्योंकि यह सब आंखों की दृष्टि से ही संभव है।
हम किसी चीज को देखते हैं तो आंखों की जरूरत पड़ती है। करंट जब तक सूर्य रोशनी नहीं देखा मानव निर्मित वस्तुएं रोशनी नहीं देंगे तब तक हम कुछ नहीं देख सकते हमारे आंखों के सामने अंधकार होगा। क्योंकि विज्ञान कहता है कि हम किसी चीज को देखते हैं तो रोशनी के कारण देखते हैं। नहीं तो आंखें बिना रोशनी के कुछ नहीं देख सकती।
परंतु हमें अपनी आंखों की देखभाल को सुचारू रूप से करना चाहिए। प्रतिदिन व्यायाम योग और फार्मासिस्ट , डॉक्टर तथा नसों की सलाह से आंखों का उपचार करना चाहिए।
1.अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस क्यों मनाया जाता है?
विश्व दृष्टि दिवस की शुरुआत WHO अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन या world health organization और इंटरनेशनल एजेंसी फॉर थे प्रीवेंशन का ब्लाइंडनेस (IAPB) के संयुक्त प्रयास से हुई थी। सन 2000 में मनाया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस को मनाना समाज में दृष्टि आंखों की रोशनी के बचाव तथा उपचार को प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक रूप से फैलाना जिससे मानव हित हो सके। वर्ष 2020 में इस दिवस की शुरुआत में “द राइट टू साइट” नामक एक विश्व अभियान के अंतर्गत यह बात रखी गई।
की विश्व दृष्टि दिवस को हर वर्ष अक्टूबर के दूसरे सप्ताह के गुरुवार को मनाया जाए। इस अभियान का उद्देश्य था कि लोगों में जागरूकता आंखों के प्रति फैलाना, जिससे लोग वृद्धा अवस्था होते तक सुचारू रूप से देख सकें। खुद को पहचान सके।
2.अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस कब मनाया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दोष अक्टूबर सप्ताह के दूसरे गुरुवार को हर वर्ष मनाया जाता है। परंतु इस बार यह 9 अक्टूबर 2025 को मनाया जा रहा है।
3.विश्व दृष्टि दिवस के उद्देश्य:
इस दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में आंखों से जुड़ी बीमारियों को निपटाना, तथा डॉक्टर से सलाह लेना और उनका उपचार करना। जिससे समाज में आंखों की दृष्टि का प्रभाव ना पड़ सके लोग मरते मरते एक दूसरे को देख सके। आंखों से जुड़ी समस्या अनेक होती है। जैसे
1. मोतियाबिंद:
मोतियाबिंद नामक बीमारी लोगों को होती रहती है, यह बीमारी वृद्धावस्था के दौरान या किसी न किसी कारण से हो जाती हैं। मोतियाबिंद आंखों के लेंस पर प्रभाव डालता है जिससे लोगों को धुंधला दिखता है और आंखों में दर्द रहता है।
2. मधुमेही रेटीनापैठी:
यह बीमारी मधुमेह में वाले मरीजों को होते हैं। मधुमेह का अर्थ है डायबिटीज शुगर आदि यह बीमारी रेटीना को ग्रसित करती है। जिससे लोगों में रोशनी कम पड़ जाती है।
3. ग्लूकोमा:
ग्लूकोमा नामक बीमारी आंखों के अंदर दबाव के कारण होती है। यह धीरे-धीरे दृष्टि को स्थाई रूप से नुकसान पहुंचती है और रोशनी कम पड़ जाती है।
4. कॉर्नियल अंधत्व:
यह बीमारी आंखों की बाहरी परत में चोट, संक्रमण वह पोषण की कमी से होता है। जिसमें लोगों को विटामिन प्रोटीन की कमी हो जाती है। विटामिन ए की कमी से रतौंधी नामक रोग होता है। इसलिए कहा जाता है की पोषण और विटामिन का ज्यादातर ध्यान रखा जाए। जिससे आगे चलकर दिक्कत प्रॉब्लम ना आए।
4.अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस हमें क्या समझता है?
यह दिवस हमें इस बात का बोध कराता है कि हमें आंखों के प्रति सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि आए दिन आंखों में बीमारियां उत्पन्न होती हैं। जिससे लोगों को देखना बंद हो जाता है। यह दिवस हमें बताता है कि हमें समझ में आंखों के उपचार के लिए समाज को जागरूकता करना होगा।
जिससे सरकार आंखों के लिए शिविर हर जगह लगवाएं। इससे लोग आसानी पूर्वक आंखों का चेकअप करवाएं जिससे पता चल सके कि किस तरह की लोगों को बीमारी है। फिर इसके प्रति उपचार की व्यवस्था की जाए।
rabhatimes.com की और से सभी को संदेश:
सभी लोगों को अपने आंखों को सुरक्षित रखना चाहिए क्योंकि आप सुरक्षित है तो संसार सुरक्षित है। आप लोग इस संसार को तभी देख पाएंगे जब आंख सुरक्षित होगी। इसलिए नियमित आंखों की एक्सरसाइज तथा व्यायाम और योग प्रतिदिन कीजिए।
जिससे आंखों की देखभाल हो सकेगी। और मरने से पहले अपने ऑर्गन डोनर कीजिए जिस किसी को एक नया जीवन मिल सके और आप इस संसार में जीवित रहे।
निष्कर्ष:
विश्व की आबादी में लगभग 1 एक करोड़ से ज्यादा लोग आंखों से देख नहीं पाते होंगे। कोई बेचारा तो जन्म से ही अंधा होगा, यह जन्म के बाद आंखों में बीमारी उत्पन्न होने के कारण उसको धुंधला या दिखाना ही बंद हो गया होगा।
इसलिए कहा जाता है की आंखों के उपचार के लिए हमें नियमित व्यायाम और योगा करना चाहिए। और विटामिन ए वाली वस्तुओं का पोषण मे लाना चाहिए।
जिससे लोगों को आंखों से जुड़ी समस्याएं कम पड़ जाए। इसलिए यह दिवस हर वर्ष मनाया जाता है। क्योंकि बढ़ती आबादी में आंखों से जुड़ी बीमारियां भी ज्यादा उत्पन्न होती हैं।
इन्हीं बीमारियों के रोकथाम के लिए विश्व ने इस दिवस को मनाने कानिर्णय लिया। बल्कि यह दिवस आंखों से जुड़ी नहीं, यह हमें बताता है कि हम अपने आंखों से पाखंड को अंधविश्वास को दूर करें और समाज को नई दिशा तथा एक विकसित देश समाज बनाए। जिससे बीमारी भी काम हो और कठिनाई भी कम हो।
और एक शांतिपूर्ण समाज बने। और जन्म से अंधे लोग को एक नई जिंदगी मिले इसलिए कहा जाता है कि हमें अपने ऑर्गन डोनर करना चाहिए जिस किसी न किसी को एक नया जीवन मिल सके और इस संसार को देख सके। हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हमें मरने से पहले अपने ऑर्गन डोनर कर देना चाहिए। डाक घर वालों को खुद की इच्छा पूरी करने में कठिनाइयां न आए।