“अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक: गुरु के सम्मान और ज्ञान के उजाले का पर्व”
“अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक: गुरु के सम्मान और ज्ञान के उजाले का पर्व”

अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पूरे विश्व में 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। या दिवस शिक्षकों के ज्ञान प्रकाश तथा समाज में जागरूकता फैलाना, अंधेरों को उजाला में कन्वर्ट करना, हर बच्चे को एक नई जिंदगी देना ,तथा शिक्षकों के प्रति शिक्षा से प्रेरित करने वाला दिवस शिक्षक दिवस है।
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है!
यह दिवस पूरे विश्व में शिक्षकों के प्रति आदर सम्मान तथा भावना से मनाया जाने वाला दिवस है। शिक्षक अपने बच्चों को हमेशा अपने से बड़ा देखना चाहते हैं। क्योंकि उनके बच्चे ही उनके विद्यार्थी होते हैं।
शिक्षक समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करते है। शिक्षक सभी बच्चों में सकारात्मक प्रभाव डालते हैं तथा उनको शिक्षा के प्रति आत्मविश्वास और समाज में रहने के नियम तथा ईमानदारी, ज्ञान , प्रतिष्ठा आदि दूसरों के सम्मान के हित जो संस्कार दिए जाते हैं वह भी शिक्षा के माध्यम से शिक्षक सिखाते हैं।
विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
विश्व शिक्षक दिवस हर साल 5 अक्टूबर को पूरे संसार में मनाया जाता है। इसे (World Teachers Day) भी कहते हैं। इस दिवस की शुरुआत 1994 में यूनेस्को और आईएलओ के संयुक्त प्रयास से हुई थी।
यह दिवस को मनाने का उद्देश्य था, कि 1966 में अपना ही गई अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन तथा शिक्षकों की स्थिति के संबंध में यूनेस्को की सिफारिश की वर्षगांठ के रूप में याद करना था।
इस सिफारिश में शिक्षकों की भूमिका, जिम्मेदारियां कार्य परिस्थितियों और अधिकार तथा प्रशिक्षण से जुड़ी बातें को निश्चित करना था। यह अभिलेख शिक्षकों के लिए एक सार्वभौमिक मार्गदर्शन बना।जिससे यह निश्चित किया जा सके कि शिक्षकों को हर देश में उनके प्रति सम्मान तथा आधिकारिक रूप से आदर सम्मान मिल सके।
1966 के बाद पहले अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर 1994 को मनाया गया, तथा तब से हर वर्ष 5 अक्टूबर को यूनेस्को के समर्थन से मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस का उद्देश्य:
यह यह दिवस शिक्षकों के प्रति सम्मान उनके द्वारा दिए गए अमूल्य योगदान तथा अंधेरे से उजाले में परिवर्तन लाना उनके अमूल्य प्रयास, तथा शिक्षकों को समाज में व्यवस्थित रूप से उचित सम्मान तथा उनको उचित वेतन मिल सके या दिवस उन सभी शिक्षकों के प्रति आदर भावना को जागृत करने के प्रयास से मनाया जाता है।
शिक्षक समाज की वह रीढ़ होती है , जो हर किसी को ज्ञान तथा मार्गदर्शन करता है। और अपने विद्यार्थियों को एक नई जिंदगी देता है। और हमेशा उसको अपने से बड़े पद पर देखना चाहता है। इस तरह के निम्नलिखित उद्देश्य है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। परंतु कुछ उद्देश्य का यहां पर वर्णन है–
1. शिक्षको को यह अनुभव कराना कि आप केवल शिक्षा के प्रति निपुण नहीं, बल्कि राष्ट्रनिर्माता भी हो।
2. शिक्षक हमेशा शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाता है, जिससे शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी को कोई असुविधा न हो।
3. शिक्षक समाज के प्रति शिक्षा को जागरूक करता है, और सभी को शिक्षा लेने के लिए आमंत्रित करता है।
2025 की अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस की थीम:
“शिक्षक हमेशा अपने विद्यार्थियों को ज्ञान तथा समाज में रहने और बैठने के व्यवस्थित कानून सिखाते है, और उनका नैतिक मार्गदर्शन भी करते है, और शिक्षा के प्रति सभी विधार्थी को शिक्षा सीखने के प्रति उत्सुकता रखते है।”
समाज में शिक्षक का महत्व:
शिक्षक समाज की दीवार होते है। वे एक ऐसी मसाल होते है जो अंधेरे में भी रोशनी लाने का कार्य करते है। एक शिक्षक किताबों के ज्ञान के अलावा, उनको कई तरह के ज्ञान देते हैं।
जिससे समाज बेहतर बन सके। हर किसी के अंदर संस्कार नैतिकता और जीवन मूल्यों का संचार हो सके। शिक्षक हमेशा अपने ज्ञान का तथा ज्ञान के प्रकाश को एक दूसरों में वितरित करते हैं।
शिक्षक बच्चों की जीवन की नई बनता है तथा उसके जीवन में एक नई अभिलाष तथा ज्ञान के प्रकाश को जोड़ता है। वह अपने शिक्षकों के प्रति भविष्य के पीढ़ी को नहीं सलाह और मार्गदर्शन करता है।
शिक्षा की अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, नेता, वैज्ञानिक और कलेक्टर आदि बनाता है। क्योंकि ये सब गतिविधियां पाना सिर्फ शिक्षक और शिक्षा से ही संभव है।
महात्मा गांधी जी का शिक्षा के प्रति कहना:
” शिक्षा वह शास्त्र है जिससे हम संसार को बदल सकते हैं” तथा उसकी एक नया संसार बना सकते हैं। उसमें नई तरीके की ऊर्जा तकनीक तथा कम समय में कार्य करने वाले मशीन आदि बनाए जा सकते है। तथा एक नई जीवन की शुरुआत भी शिक्षा की शक्ति से किया जा सकता है।
और शिक्षा का सृजन करता बनाने वाला शिक्षक ही होता है।
कहां जाता है कि “शिक्षा वह शेरनी का दूध है,जो जितना पीता है उतना ही दहाड़ता है।”
पूरे संसार में शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?
हर देश में अलग-अलग तारीख पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस शिक्षकों के प्रति सम्मान तथा समाज में एक नई बिरहा दिखाने वाले भगवान, तथा बच्चों को एक नई जिंदगी देने वाले गुरु के रूप में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। जब बच्चे स्कूल जाते हैं तो उनके माता-पिता कोई और नहीं बल्कि उनके शिक्षक ही उनके माता-पिता होते हैं।
शिक्षक दिवस पर हर जगह आयोजन होता है।
इस आयोजन में बच्चों द्वारा शिक्षकों को पुरस्कार तथा सम्मान दिया जाता है। और बच्चे द्वारा नाटक, कविताएं, तथा भाषण और सांस्कृतिक प्रस्तुति भी आदि करते है।
विद्यालयों और समाज में धन्यवाद टीचर्स जैसे अभियान भी चलाए जाते हैं। जिससे समाज में शिक्षा का एक नया प्रारूप तथा शिक्षकों के प्रति सम्मान के भावना जागृत हो।
भारत में शिक्षक दिवस:
भारत मैं शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के याद में मनाया जाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।
एक बार किसी बच्चे ने कहा कि हम आपकी याद में एक दिवस मनाना चाहते हैं, तब उन्होंने कहा कि आप सब लोग 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में हमारा जन्मदिन मनाएगा। यह महान नायक तथा महान शिक्षक तथा भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।
निष्कर्ष:
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस एक ऐसा अवसर है जो हमें यह सोचने पर मजबूर करता है, और हमें उसे गहराई में ले जाता है। और हमें यह बताता है कि अगर शिक्षक ना होते तो समाज कैसा होता है, यही एक कारण नहीं की शिक्षा शिक्षा की शिक्षक ही सिखाते है।
शिक्षक केवल पाठ नहीं पढ़ाते वे हमे सोचने तथा किसी के प्रति सम्मान आदि की कला भी सिखाते हैं। शिक्षक हमें शांति, पर्यावरण को सुरक्षित बनाना, तथा प्लास्टिक प्रदूषण जैसे अभियान भी चलाते हैं।
और हमें यह भी बताते हैं कि अपने वृद्ध जनों का आदर सम्मान भी करना चाहिए। इस तरह के हमें कई ज्ञान शिक्षकों के माध्यम से प्राप्त होते हैं।
इसलिए 5 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह केवल उत्सव का दिन नहीं होता बल्कि सभी शिक्षकों के प्रति सम्मान तथा आधार की भावना का दिन होता है।
यह दिवस हमें भी सोने पर मजबूर करता है, कि हमें इस दिवस को सभी शिक्षकों तथा शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी को मानवता, और उज्वल भविष्य की कामना की जाए। क्योंकि इससे शिक्षकों का समाज में और सम्मान बढ़ेगा।
सारांश:
इस लेख में अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस का संपूर्ण वर्णन सरल शब्दों में किया गया। जो कि आपको समझने में आसानी हो। और किसी को भी असुविधा न हो। सभी शिक्षकों के सम्मान तथा सत्य आधारित समर्पित हमारा संदेश।