”शांति दिवस 2025 : इतिहास, महत्त्व, थीम, और नेहरु जी का पंचशील सिधांत”

”शांति दिवस 2025 : इतिहास, महत्त्व, थीम, और नेहरु जी का पंचशील सिधांत”

''शांति दिवस 2025 : इतिहास, महत्त्व, थीम, और नेहरु जी का पंचशील सिधांत''
”शांति दिवस 2025 : 

शांति दिवस एक बहुत ही अच्छा दिन होता है क्योंकि यह विश्व की शांति बनाएं व मनाने के लिए मनाया जाता है|  शांति दिवस 21 सितंबर को मनाया जाता है | और यह पूरे विश्व में मनाया जाता है इसीलिए इस दिवस को विश्व शांति दिवस के रूप में जाना जाता है l

 

 

 

शांति दिवस क्यों मनाया जाता है ?

शांति दिवस को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि यह समाज को शांति रखने, और एक दूसरे से प्रेम का भाव रखने, व सभी देशों में शांति का प्रस्ताव लाती है यही कारण साल में एक बार शांति दिवस मनाया जाता है l

शांति दिवस मनाने के क्या उद्देश्य है ?

उद्देश्य:

शांति दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने की थी l संयुक्त राष्ट्र का मानना था कि पूरे विश्व में शांति दिवस मनाया जाए ताकि सब लोग शांति का परिचय दे क्योंकि यह दिवस एक दूसरे से प्रेम का भाव जग उठे , और इससे सभी देशों में शांति बनी रहे इसी कारण शांति दिवस मनाने का संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव रखा और पूरे विश्व में 21 सितंबर को शांति दिवस मनाया जाता है l

शांति दिवस का इतिहास:

शांति दिवस को हम सब पहले तारीख या डेट से न मनाकर सन 1982 से सितंबर के तीसरे मंगलवार को मनाया जाता था l

इस तरह शांति दिवस को मनाने की परंपरा 2001 तक चली l परंतु 2002 से इसको तारीख में बदल दिया गया जो पूरे विश्व के लिए था क्योंकि यह तारीख 21 सितंबर रखा गया l 2002 से 21 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के रूप में मनाया जाने लगा l हर वर्ष शांति दिवस के दिन पर इसकी अलग अलग थीम रखी जाती है l

इस तरह कुछ प्रमुख थीम अंकित है

शांति दिवस की थीम (20192025)

2019:

शांति के लिए जलवायु कार्रवाई” इस थीम का उद्देश्य है कि जलवायु के परिवर्तन से निपटने के ऊपर प्रकाश डाला जाता है क्योंकि यह पूरे वैश्विक की समस्या होती है । इससे निपटने के लिए इस थीम को आयोजित किया गया था l

2020:

एक साथ शांति को आकर देना” क्योंकि यह थीम संयुक राष्ट्र ने दिया था यह थीम कोविड 19 के समय का था क्योंकि उस समय लोग महामारी से निपट रहे थे और सबमें दया, शांति, और करुणा का भाव होना चाहिए था l ताकि घृणा और भेदभाव के खिलाफ एक जुट होकर खत्म कर दिया जाए और फिर से शांति स्थापित हो जाए l

2021:

एक न्यायसंगत और टिकाऊ दुनिया के लिए बेहतर ओर टिकाऊ पुनर जन्म” क्योंकि कोविड 19 महामारी में सब लोग जूझ रहे थे इस लिए इस थीम को सबको एक जुट होने के लिए किया गया सब लोगों का पुनर जन्म हो सके l

2022:

नस्लवाद समाप्त करें। शांति का निर्माण करें।” इस विषय का उद्देश्य नस्लवाद को समाप्त करके और शांति का निर्माण करना था l

2023:

शांति के लिए कार्य: वैश्विक लक्ष्यों के लिए हमारी महत्वाकांक्षा” शांति और सुरक्षा के लिए सतत विकास लक्ष्य को मजबूत करना। यह विषय उन लक्ष्यों को प्राप्त करने और विश्व में शांति बनाने के महत्व पर प्रकाश डालता है।

2024 :

शांति की संस्कृति का विकास करना”थी. यह थीम संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा शांति की संस्कृति पर एक घोषणा और कार्य कार्यक्रम को अपनाने की 25वीं वर्षगांठ का प्रतीक थी.

2025:

“शांति के लिए कार्य: वैश्विक लक्ष्यों के लिए हमारी महत्वाकांक्षा” यह थीम 2025 के लिए इस थीम को शांति दिवस का थीम माना गया है और इस थीम को 21 सितम्बर को आयोजित किया जाएगा ।

नेहरू जी का शांति दिवस पर बयान और पंचशील सिद्धांत:

नेहरू जी ने शांति के लिए सबको शुभकामनाएं दी और उन्होंने कहा हम सबको प्रेम से रहना चाहिए और एक दूसरे की बुराई नहीं करना चाहिए क्योंकि शांति के लिए ये सब महत्वपूर्ण है l इस कारण उन्होंने शांति के 5 सूत्र दिए थे l जिन्हें पंचशूत्र कहा गया था l इस सूत्र को पंचशील सिद्धांत भी कहा जाता है l

नेहरू जी का पंचशील सिद्धांत:

ये सूत्र इस प्रकार है l

1 .क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का पारस्परिक सम्मान: इसमें सभी देशों की सीमाओं और संप्रभुता को सम्मान देने की बात कही गई है।

2 .अनाक्रमण: कोई भी देश दूसरे देश के विरुद्ध युद्ध या आक्रमण नहीं करेगा।

3.आंतरिक मामलों में अहस्तक्षेप: हर देश दूसरे देश के अंदरूनी या घरेलू मामलों में दखल नहीं देगा।

4.समानता और पारस्परिक लाभ: सभी देशों के साथ समानता का व्यवहार किया जाएगा और सभी एक-दूसरे से समान रूप से लाभान्वित होंगे।

5.शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व: अलग-अलग राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था वाले देशों को भी शांतिपूर्ण तरीके से साथ-साथ रहना होगा।

नेहरू जी ने इस सिद्धांत को प्रतिवादित किया था l

शांति दिवस का महत्व:

यह दिवस लोगों को अहिंसा और भाईचारे का संदेश देता है।

सभी देशों को आपसी मतभेद छोड़कर विकास और समृद्धि के लिए सहयोग करने की प्रेरणा देता है।

विश्व में युद्ध और संघर्ष को कम करने का प्रयास करता है।

लोगों को यह याद दिलाता है कि शांति ही स्थायी प्रगति का मार्ग है।

सफ़ेद कबूतर क्यों उडाये जाते है ?

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”शांति दिवस 2025 : इतिहास, महत्त्व, थीम,

सफ़ेद कबूतर को हम सब लोग शांति के लिए उड़ाते है क्योकि सफ़ेद रंग शांति का प्रतीक माना जाता है | और सफ़ेद कबूतर को पुरे विश्व में व हर जगह शांति के लिए उड़ाया जाता है | हमारी पृथ्वी पर शांति बनी रहे | यह शांति धैर्य , प्रेम, सहयोग, मित्रता, और भाईचारे का प्रतीक माना जाता है | क्योकि शांति से ही भाईचारे , प्रेम भावना , आदि हर प्रकार की एक दूसरे में खूबियाँ आ सकती है | क्यों शांति परमो धरमा |

 

 

 

 

निष्कर्ष :

''शांति दिवस 2025 : इतिहास, महत्त्व, थीम,
”शांति दिवस 2025 : इतिहास, महत्त्व, थीम,

शांति दिवस हमें यह सिखाता है की और यह हमें किसी न किसी तरीके से बताता है कि कोई भी देश में बिना शांति के विकसित नहीं हो सकता और न ही देश में और विश्व में स्थाई रूप से सुखस्म्राधि नहीं आ सकती जब तक हर जगह शांति नहीं फैलेगी तब तक कोई भी सुखी नहीं रह सकता |यदि हर व्यक्ति, समाज और देश प्रेम, सहयोग और अहिंसा का मार्ग अपनाए,तो हम एक ऐसा विश्व बना सकते हैं जहाँ युद्ध नहीं, केवल शांति और सौहार्द्र का वातावरण हो।

 

 

 

सारांश :

इस लेख में विश्व शांति दिवस का वर्णन है शांति दिवस का इतिहास , महत्त्व, व नेहरु जी का पंचशील सिधांत भी वर्णित है| इस लेख को बहुत ही सरल शब्दों में लिखा गया है | क्योकि शांति दिवस हर जगह विस्तारित हो जाये और शांति ही शांति हर जहग हो |

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