राष्ट्रीय कद्दू दिवस 2025: खाने के फायदे, उपयोग, गुण और महत्व
			राष्ट्रीय कद्दू दिवस: खाने के फायदे, उपयोग, गुण और महत्व
कद्दू नाम आप सभी लोगों ने सुना होगा, क्योंकि आपने अपने घरों में, तथा निमंत्रण, और भंडारों में कद्दू के सब्जी का आनंद उठाया होगा, यह सब्जी भारत की राष्ट्रीय सब्जी है, इस सब्जी को हम अनेकों नामों से जानते है,|
जैसे— कुम्हड़ा, काशीफल, और पंपकिन, pumpkim इसका अंग्रेजी नाम है, दोस्तों बात आती है, कि कद्दू दिवस को हम हर साल क्यों मनाते है, अब आप सबने पूछ ही लिया है कि कद्दू दिवस के बारे में तो हम आपको इसके संपूर्ण जीवन पर प्रकाश डालेंगे , यही कारण है, कि हर साल कद्दू दिवस 26 अक्टूबर को मनाया जाता है।
कद्दू के प्रति लोगों में जागरूकता लाना, इसके स्वास्थ्य लाभ के बारे में बताना, और सांस्कृतिक को ज्ञान को प्रकाशित करना, तथा समाज में इसके प्रति सकारात्मक विचार लाना, आदि इसी तरह के तमामों सवाल कद्दू के प्रति उत्पन होते है, आज हम इन सभी सवालों का जवाब बहुत ही सरल, और मजेदार शब्दों में देंगे, और कद्दू के इतिहास, प्रकार, उत्पादन, महत्व और उद्देश्य को भलीभांति समझेंगे।

कद्दू क्या है?
कद्दू एक प्रकार का स्क्वैश है, जो Cucurbitacese कुकुरबितेशी परिवार का एक पौधा है, और इसे सब्जी के रूप में उगाया जाता है। इसके बड़े गोल या फैले हुवे फल होते है, और विभीन प्रकार के रूप में उत्पन होते है, साथ ही इसके रंग भी अलग · अलग होते है, लेकिन नारंगी रंग में सबसे ज्यादा कद्दू हर क्षेत्रों में मिल जाते है। कद्दू का उपयोग औषधीय प्रयोजनों के लिए भी किया जाता है, क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर, विटामिन ए, और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है।
कुम्हड़ा के पौधे की शारीरिक प्रक्रिया:
कद्दू के पेड़ स्थलीय होता है, मतलब इसको जमीन पर उगाया जाता है, यह एक दिवबीज पत्री पौधा है, जिसका तना लंबा, और पत्ते चौड़े हरे , और फूल पीले होते है, परंतु इसका पौधा कमजोर होता है।
इसके फूलों से बहुत ही शानदार पकौड़ियां बनती है, जो खाने में बेहद स्वादिष्ट और फायदेमंद व्यंजन होती है, एक बार हमने इसकी पकौड़ियां अपनी नानी के हाथों से बनाई हुई खाया था। जो मुझे बहुत अच्छा लगा था।
इसका उत्पादन सबसे ज्यादा चीन, भारत, और रूस करता है। जो मिलकर दुनिया का 60% कद्दू इन्हीं देशों से उगता है, वहीं चीन हर साल 90 लाख टन हर साल पैदा करता है, भारत 50 लाख टन और इसमें मध्यप्रदेश का सबसे ज्यादा हिस्सा होता है, वहीं रूस तीसरे स्थान पर कद्दू उत्पादन पर आता है।
राष्ट्रीय कद्दू दिवस क्यों मनाया जाता है?
कद्दू दिवस को हम एक पर्व के रूप में मनाते है, इसका पर्व मतलब कद्दू से जुड़े बातों और समाज में कद्दू के प्रति जागरूक करना, तथा कद्दू को खाने के रूप में हर साल हम सब लोग यह जश्न मनाते है। यह दिन कद्दू की बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है, जो हेलोवीन सजावट, स्वादिष्ट व्यंजनों, और यहां तक कि स्वास्थ्य लाभों के उपयोग में कद्दू को लाया जाता है। इसे दुनिया के सबसे पुराने फसलों में से एक को भी सम्मान देने के लिए मनाया जाता है, या शरद ऋतु के मौसमों से जुड़कर उसका प्रतीक बन गया है।
इसका इस्तेमाल हम कई तरह के माध्यम से करते है, क्योंकि यह पसंद करने के तरीके से बनाता है, जैसे – सब्जी, सूप, और करी बनाकर लेकिन इसके सूखे बीजों को हम स्रोत के माध्यम से आहार में लेते है, बल्कि इसको मीठे में भी बदला जाता है, जो दुनिया का सबसे मशहूर पेठा बनता है, जिसे हम लोग आगरा का पेठा कहते है।
बल्कि कुछ स्रोतों से हमें पता चला है, कि कद्दू का उपयोग गर्भवती महिलाएं नहीं कर सकती, क्योंकि यह सब्जी इनको दिक्कत पैदा कर सकती है। और जिसको पेट से जुड़ी ज्यादा समस्याएं होती है, वे तो डॉक्टर की सलाह से ही इसको अपना आहार बनाते है।
हिन्दू धर्म में कद्दू का सारांश:
हिंदू धर्म में कद्दू महिलाएं नहीं काटती, ऐसा आपने देखा होगा, घरों में तथा रिश्तेदारों के यहां या दृश्य आपने देखा होगा कि कद्दू अपने बेटों से माताएं कटवाती हैं। लेकिन ऐसा क्या है कि कद्दू महिलाएं क्यों नहीं काट सकती?
दर्शन हिंदू धर्म के अनुसार कद्दू बड़े बेटे के रूप में माना जाता है इसलिए माताएं और बहने कद्दू का धर अलग करना नहीं चाहते, क्योंकि वे कद्दू को काटेंगी तो धर्म और पुरानी संस्कृति, और परंपरा के अनुसार वे अपने बड़े बेटे, और बड़ा भाई को काट रही होंगी, इसी मान्यता के कारण महिलाएं कुम्हड़ा नहीं काटती।
हिंदू धर्म में कद्दू को काशीफल, भी कहा जाता है, आपने देखा होगा कि इस सब्जी का उपयोग ज़्यादातर भंडारों में किया जाता है, इसके साथ पूड़ी भी बनाया जाता है, क्योंकि भंडारे में कद्दू की सब्जी नहीं हुई तो उसे भंडारा नहीं कहते क्योंकि कद्दू बलिदान का प्रतीक है। इस कारण कद्दू भंडारे की सब्जी में जरूर मौजूद होती है।
भारत की राष्ट्रीय सब्जी कद्दू को कहा जाता है, क्योंकि कद्दू सब्जी का इतिहास बहुत पुराना है भैया हमारी परंपरा और संस्कृति से जुड़ा हुआ। कद्दू का उपयोग माता को कुष्मांडा के मंदिर में चढ़ता है, और इसकी सब्जी का वहां पर भी लगता है।
कद्दू खाने के फायदे और नुकसान:
फायदे— कद्दू खाने से विटामिन की कमी की मात्रा घटती है, और यह पाचन क्रिया में सहायक होता है, वजन घटाने का भी कार्य करता है। क्योंकि इसमें कद्दू में विटामिन ए, विटामिन सी, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट के मौजूद होने से यह कैंसर से भी बचाता है।
नुकसान— कद्दू में पोटेशियम की अधिक मात्रा होती है, या गुर्दे की समस्या उत्पन्न कर सकती है, कद्दू के बीज खाने से पाचन की समस्या हो सकते हैं अगर आप घर ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करें तो, गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओं को इसे खाने से बचना चाहिए क्योंकि इसके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं।
सुझाव— कद्दू का सेवन सीमित मात्रा में करें, इसको आहार का हिस्सा बनाएं, अगर आपको कोई भी समस्याएं इस सब्जी के कारण उत्पन्न हो रही है तो डॉक्टर से सलाह ले।
महत्व:
कद्दू से हम विभिन्न महत्वों को समझते है, जैसे इसके उपयोग, उदेस्य, नुकसान, फायदा और आर्थिक स्तिथि पर उजागर करती है।
कद्दू से मीठा बनाया जाता है, जिसे पेठा कहते है।
कद्दू रोजगार का माध्यम बनती है, जिससे किसानों, और सब्जी उगाने वालों की रोजी रोटी चलती है।
यह पर्यावरण को सुरक्षित करती है, समाज में मीठे होने के दायित्व को समझाती है, जिससे शांति ही शांति बने रहे।
कद्दू से जुड़ी हुई दिलचस्पी वाली बातें:
इसके अनेक प्रकार होते है, जिसमें फिजिफेसिया जो लौकी की तरह होती है, मैक्सिमा, मुसकाता, पेपो, आरगिरोस्परमा, बेटरनेट, चीनी कद्दू, स्पैगिटी आदि प्रकार की होती है।
विश्व में सबसे बड़ा कद्दू 1278 किलोग्राम इटली में उगाया गया था, जो कि इयान और स्टुअर्ट पैटर्न से पैदा किया गया था।
ज्यादातर नारंगी रंग का कद्दू हर जगह पाया जाता है।
इसे अंग्रेजी में pumpkim भी कहते है।
निष्कर्ष:
कद्दू सिर्फ खाने का त्यौहार नहीं है, बल्कि किसानों और इनके समितियों के सम्मान का दिन है, जो कड़ी मेहनत करके इसका उत्पादन करते है, और हम और आप लोग कद्दू को भोजन के रूप में ग्रहण करते है।
कद्दू सिर्फ एक दिन का त्यौहार नहीं होता बल्कि, सालोसाल चलता है, इसके चलते हमे इसके प्रति लोगों में इसके उत्पादन, महत्व, और इसके फायदे एक दूसरे को बताने चाहिए जिससे कद्दू से जुड़ी बातें सभी को पता चल जाएं, इस तरह हम इस त्यौहार को डाकियों के सम्मान में भी समर्पित कर दे, जिससे वे भी एक जगह से दूसरी जगह संदेश लेकर जाते है।
सारांश:
इस लेख में कद्दू दिवस से जुड़ी बाते तथा इसके खाने के फायदे, नुकसान, और महत्व को बड़े ही आसान शब्दों में बताया गया है, जोकि आपको समझने में आसानी हो।