“अंतर्राष्ट्रीय हकलाहट दिवस: हर आवाज़ है अनमोल और प्रेरणादायक”

अंतर्राष्ट्रीय हकलाहट दिवस बहुत रोचक और जानकारी पूर्ण विषय तैयार करता है, क्या आपने कभी किसी व्यक्ति को हकलाते हुवे देखा? इस तरह के मजेदार, और ज्ञानपूर्ण बाते इस लेख में सम्मिलित होंगी, जो आपको इन सबके लिए समाज में जागरूकता और सकारात्मक विचार उत्पन्न करेगा।

अंतर्राष्ट्रीय हकलाहट दिवस हर वर्ष 22 अक्टूबर को मनाया जाता है, यह दिवस उन सभी के लिए है जो बोलते समय उनकी जबान हकला जाए और समाज में उनके प्रति मजाक बनाएं इस विषय पर यह दिन चर्चा होती है।

हकलाहट क्या है?

हकलाहट को Shuttering भी कहा जाता है, क्या आपने कभी किसी ऐसे व्यक्ति को देखा है ? जो बोलते समय उसी शब्द, वाक्य को बार बार दोहराए या उस वाक्य को गलत बोले, यह कोई मजाक का विषय नहीं है, बल्कि बोलने से जुड़ा एक विकार है, जिसे हम लोग हकलाहट या तुरतुराहट कहते है।

हकलाहट दिवस क्यों मनाया जाता है?

अंतर्राष्ट्रीय हकलाहट दिवस

हकलाहट दिवस को मनाने से समाज में इन लोगों के प्रति जागरूकता लाना, और इन लोगों को सही वाक्य बोलने के लिए हिम्मत प्रदान करना, और कोई भी सभी लोगों का मजाक न उड़ाए इन तमाम विषयो पर इस दिन चर्चा होती है, और यह अनुमान लगाया जाता है दुनिया में कितने लोग हकलाहट के शिकार है, उन सभी लोगों के हिम्मत, उत्साहित, और ठीक करने के उम्मीद से यह दिवस हर साल मनाया जाता है|

क्योंकि हमें उन लोगों के अपने ही विकार की चुनौती से लड़ने और उसमें जीत हासिल करने के पक्ष से यह दिन पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह वैश्विक स्तर वाला मिशन है, सभी लोगों को इस दिन नई ऊर्जा और शक्ति के साथ इन सभी लोगों को सम्मान, और हिम्मत प्रदान करनी चाहिए जिससे उनको अकेलापन न महसूस हो।

अंतर्राष्ट्रीय हकलाहट दिवस कब मनाया जाता है , और इसकी शुरुआत कब हुई थी?

विश्व हकलाहट दिवस हर साल 22 अक्टूबर को मनाया जाता है, इसकी शुरुआत 1998 में तीन संगठनों के समूह और संयुक राष्ट्र के माध्यम से आया था। और इसका उद्देश्य उन सभी लोगे के प्रति जागरूक करना, तथा उन सभी लोगों में प्रेरणादायक ज्ञान देना, जिससे उन सभी लोगों में शक्ति बढ़े और अपने इस विकार से लड़ सके के उद्देश्य से विषय की स्थापना की गई थी, तभी से हर वर्ष 22 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय हकलाहट दिवस मनाएं जाने लगा।

महत्व:

1.यह दिन उन सभी करोड़ों लोगों को जो हकलाहट का शिकार है, उनको हिम्मत, सम्मान देने के परिपक्ष्य से मनाया जाता है।

2. दुनिया में करोड़ों लोग इस विषय का शिकार है, और भारत में ही लाखों लोग भी हकलाहट का शिकार है, उन सबको इन बातों को बोध कराना तथा एक नई प्रकार की उन सभी दिग्गजों के अंदर आकर्षिक शक्ति प्रदान करना है।

3. यह दिन उन सभी लोगों का है जो बोलते समय हकलाते है, उन्हीं के लिए यह दिन मनाया जाता है, और उनको एक सहानुभूति, गर्व से जीने के लिए प्रेरित किया जाता है।

प्रोत्साहन वाले उदाहरण:

इतिहास में अनेक ऐसे लोग हुए है जिन्होंने हकलाहट को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और अपनी कमजोरी के ऊपर जीत हासिल की, आज वो दुनियाभर में इतने प्रसिद्ध है, कि उन सभी दिग्गजों को सब कोई जानता है।

विंस्टन चर्चिल — ब्रिटेन के प्रधानमंत्री है, चर्चिल के कठिन संघर्ष से, उन्होंने अपने भाषणों में इतिहास रचा, उनके भाषण बहुत ही शानदार और दमदार होते थे।

ब्रूस विलिस— ये एक अंतरराष्ट्रीय अभिनेता हुए।

इस तरह भारत में भी अनेक कलाकार दिग्गज अभिनेता भी हकलाने की स्थिति से गुजरे थे, लेकिन कठिन मेहनत से इस पर विजय हासिल की।

शाहरुख खान — कलाकार, विश्व प्रसिद्ध अभिनेता
आर बल्कि — कलाकार

ऐसे ही महान लोग भी इस स्थिति का शिकार हुए लेकिन उस पर विजय भी हासिल की।

मजेदार तथ्य:

हक लाकर बोलने के लिए कलाकारों को ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे दर्शकों में एंटरटेनमेंट हो, लोगों को मजा भी आए, जैसे– “फिर हेरा फेरी” में रविकिशन हकलाने का किरदार निभाया था, और अपने इस कला से ये बहुत प्रसिद्ध हुवे, और उसके डायलॉग भी फेमस हुवे।

उद्देश्य:

. हकलाहट के प्रति जागरूकता लाना

. हकलाने वाले लोगों के लिए सहानुभूति और समझ विकसित करना, और उनको हिम्मत प्रदान करना।

. उन्हें हमेशा यह याद दिलाना कि आप भी समाज के सम्मानित सदस्य है, आपको हमारे जैसे ही संसार जीवन यापन करना है, और हमसे अच्छा करने की लगातार कोशिश करना।

. भय और शर्म की जगह खुद को दृढ़ता और आत्मविश्वासी बनाना, और समाज में शांति तथा हर विषय के अभियान में भाग लेना , जैसे– प्लास्टिक पॉल्यूशन की तरह अनेक अभियानों में हिस्सा लेना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना।

जनता की भूमिका:

हकलाने वाले लोगों को समाज से चाहिए—
हमें धैर्य और ध्यान से सुनिए
मजाक और टोकने के बजाय सहानुभूति और प्रोत्साहन, हिम्मत देना।
हमारे बातों को शब्दों की रफ्तार न सुनने के बजाय, बल्कि हमारे भावनाओं की गहराई मायने रखना।

निष्कर्ष:

अंतर्राष्ट्रीय हकलाहट दिवस हमे यह समझाता है कि हर आवाज अनमोल है, चाहे वह कितनी ही अटक और हकलाहट से निकले। और दिन हमें यह भी बोध कराता है, कि हमें सबको बोलने का मौका दे, और सभी की बातों धैर्य, और ध्यानपूर्वक सुने, और इन सभी लोगों को प्रोत्साहन और हिम्मत प्रदान करे, और कोई भी इनका मजाक उड़ाए तो उन सभी लोगों को इनके प्रति सम्मान की भावना जगाएं यह दिन इन सभी आत्माओं के लिए है, जो बोलते समय हकला जाते है, इस दिवस को विश्व हकलाहट दिवस (International Stuttering awareness day) भी कहते है।

सारांश:

इस लेख में अंतरराष्ट्रीय हकलाहट दिवस के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी बहुत ही सरल शब्दों में वर्णन किया गया है, जो कि आपको समझने में आसानी हो, और आप भी इन सभी लोगों के प्रति समाज में जागरूकता लाए और उनको सम्मान दें।

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