संसाधन, हमारे जीवन का अभिन्न अंग

संसाधन क्या है (What is Resource)-:

संसाधन(Resource)-:
संसाधन क्या है , इस लेख में हम संसाधन के बारे में, और उसके श्रोत क्या है इसके बारे में हम पढेंगे,  संसाधन ऐसा स्रोत है जिसका उपयोग मनुष्य अपने इच्छा पूर्ती के लिए करता है, संसाधन का उपयोग दैनिक जीवन में हम सदा के लिए करते है |

जो हमारे लिए रोजमर्रा की चीज बन जाती है । कोई वस्तु प्रकृति में हो सकता है हमेशा से मौज़ूद रही हो लेकिन वह संसाधन नहीं कहलाती है, जब तक की मनुष्यों का उसमें हस्तक्षेप ना हो। हमारे पर्यावरण में उपलब्ध हर वह वस्तु संसाधन कहलाती है जिसका इस्तेमाल हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये कर सकते हैं, जिसे बनाने के लिये हमारे पास प्रौद्योगिकी है और जिसका इस्तेमाल हम हर कार्य को आसानी से किया जा सके, वे सब संसाधन के अंग है|

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sun resource

प्रक्रति का कोई भी तत्त्व तभी संसाधन बनता है जब वह संसार के सभी जीव जन्तुओं के लिए उपयोगी हो , इस परिस्थिति में 1933 में जिम्मरमैन ने यह तर्क दिया था कि, ‘अपने आप में न तो पर्यावरण, और न ही उसके अंग, संसाधन हैं, जब तक वह मानवीय आवश्यकताओं को संतुष्ट करने में सक्षम न हो।

 

 

 

 

मानव संसाधन से आप क्या समझते है ?

मानव संसाधन से हम यह समझते है कि; संसाधन शब्द का अभिप्राय उन सभी प्राकृतिक वस्तुओ से है  जो मानव जीवन के उपयोग में आ सके , ये वस्तुवे प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों है। मनुष्य प्रकृति के अपने अनुरूप उपयोग के लिए तकनीकों का विकास करता है। संसाधन राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के आधार का निर्माण करते हैं। भूमि, जल, वन, वायु, खनिज के बिना कोई भी कृषि व उद्योग का विकास नहीं कर सकता। ये प्राकृतिक पर्यावरण जैसे कि वायु, जल, वन और विभिन्न जैव रूपों का निर्माण करते हैं, जो कि मानवीय जीवन एवं विकास हेतु आवश्यक है। यही सब मानव संसाधन के अंतर्गत आता है जिसे मानव संसाधन कहते है|

जीव संसाधन

 

प्राकृतिक संसाधन किसे कहते है?

प्राकृतिक संसाधन वह संसाधन है जो पर्यावरण में उपस्तिथ सभी वस्तुवे जो हमें प्राकृत से मिले प्राकृतिक संसाधन कहलाती है | इन प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल से ही मनुष्य ने घरों, भवनों, परिवहन एवं संचार के साधनों, उद्योगों, विकास के संसाधन आदि के अपने संसार का निर्माण किया है। ये मानव निर्मित संसाधन प्राकृतिक संसाधनों के साथ बहुत उपयोगी भी हैं और मानव के विकास के लिए अति आवश्यक भी।

जल संसाधन

संसाधन की परिभाषा

आइये हम आपको को संसाधन की परिभाषा बताते है, फिलोसपर जिम्मर मैन के अनुसार- “संसाधन पर्यावरण की वे ख़ासियत हैं जो मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति में सक्षम मानी जाती हैं वह संसाधन कहलाती है

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संसाधन के प्रकार (Type of resource)

इसमें हम पढेंगे संसाधन कितने प्रकार के होते है, हमें संसाधन के प्रकार को जानना बहुत जरुरी है क्योकि ये हमारे साथ रोज अपघटित होती है|
संसाधन को विभिन्न आधार पर बांटा जा सकता है।

1. उत्पत्ति के आधार पर :- जैव संसाधन और अजैव संसाधन|
2.उपयोगिता के आधार पर :- नवीकरणीय संसाधन और अनवीकरणीय संसाधन 
3.स्वामित्व के आधार पर :- व्यक्तिगत संसाधन, सामुदायिक संसाधन, राष्ट्रीय संसाधन, और अंतर्राष्ट्रीय संसाधन |
4.विकास के स्तर के आधार पर : संभावी संसाधन, विकसित संसाधन, भंडार संसाधन, संचित कोष संसाधन |
उत्पत्ती के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण
संसाधनों को उत्पत्ति के आधार पर दो वर्गो में बांटा गया है
1. जैव संसाधन(Biotic Resource) 
2. अजैव संसाधन (Abiotic Resource)

जैव संसाधन किसे कहते है ?

1. जैव संसाधन(Biotic Resource)-:

पेड़ संसाधन

जैव संसाधन हमारे पर्यावरण में उपस्थित वैसी सभी वस्तुएँ जिनमें जीवन है, जैव संसाधन कहलाती है। जैव संसाधन हमें जीवमंडल से मिलती हैं। उदाहरण- मनुष्य सहित सभी प्राणी। इसके अंतर्गत मत्स्य जीव, पशु धन, कुत्ता, पक्षी आदि आते हैं।

अजैव संसाधन किसे कहते है

2. अजैव संसाधन (Abiotic Resource)-:

अजैव संसाधन

अजैव संसाधन हमारे वातावरण में उपस्थित वैसे सभी संसाधन जिनमें जीवन व्याप्त नहीं हैं अर्थात निर्जीव हैं, अजैव संसाधन कहलाते हैं।

उपयोगिता के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण
उपयोगिता के आधार पर हमारे वातावरण में उपस्थित सभी वस्तुओं को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है:-
1.नवीकरणीय संसाधन(Renewal resource )
2.अनवीकरणीय संसाधन(Non-renewal resource)


नवीकरणीय संसाधन किसे कहते है ?

.नवीकरणीय संसाधन(Renewal resource )-:

नवीकरणीय संसाधन

वैसे संसाधन जिन्हे फिर से निर्माण किया जा सकता है, नवीकरण योग्य संसाधन कहलाते है।
उदहारण- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल, वन तथा वन्य जीव। इस संसाधनों को इनके सतत प्रवाह के कारण नवीकरण योग्य संसाधन के अंतर्गत रखा गया है।

अनवीकरणीय संसाधन किसे कहते है

.अनवीकरणीय संसाधन(Non-renewal resource)-:वातावरण में उपस्थित वैसी सभी वस्तुएँ, जिन्हें उपयोग के बाद निर्माण नहीं किया जा सकता है या उनके विकास अर्थात उन्हें बनने में लाखों करोड़ों वर्ष लगते हैं, अनवीकरणीय संसाधन कहलाते हैं।
उदाहरण –

.जीवाश्म ईंधन-:

अनवीकरणीय संसाधन

पेट्रोल, कोयला अनवीकरणीय संसाधन कहलाते है
पेट्रोल, कोयला, आदि। जीवाश्म ईंधन का विकास एक लम्बे भू वैज्ञानिक अंतराल में होता है। इसका अर्थ यह है कि एक बार पेट्रोल, कोयला आदि ईंधन की ख़त्म कर लेने पर उन्हें किसी भौतिक या रासायनिक क्रिया द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
अत: इन्हें अनवीकरणीय संसाधन के अंतर्गत रखा गया है।

.धातु-:

अनवीकरणीय संसाधन

हमें खनन के द्वारा खनिज के रूप में मिलता है। हालाँकि धातु का एक बार उपयोग के बाद उन्हें फिर से प्राप्त किया जा सकता है। जैसे लोहे के एक डब्बे से पुन: लोहा प्राप्त किया जा सकता है। परंतु फिर से उसी तरह के धातु को प्राप्त करने के लिए खनन की ही आवश्यकता होती है। अत: धातुओं को भी अनवीकरणीय संसाधन में रखा जा सकता है।

स्वामित्व के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण
स्वामित्व के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण चार भागों में बांटा गया है
1.व्यक्तिगत संसाधन(Personal Resources)
2.सामुदायिक संसाधन(community resources)
३.राष्ट्रीय संसाधन(National resource)
4.अंतर्राष्ट्रीय संसाधन(international resource)

.व्यक्तिगत संसाधन(Personal Resources)-:वैसे संसाधन, जो व्यक्तियों के निजी स्वामित्व में हों, व्यक्तिगत संसाधन कहलाते हैं। जैसे घर, व्यक्तिगत तालाब, व्यक्तिगत निजी चारागाह, व्यक्तिगत कुँए,व्यक्तिगत इज्ज़तघरआदि।

.सामुदायिक संसाधन(community resources)-:

सामुदायिक संसाधन

वैसे संसाधन, जो गाँव या शहर के समुदाय अर्थात सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हों, सामुदायिक स्वामित्व वाले संसाधन कहलाते हैं। जैसे- सार्वजनिक पार्क, सार्वजनिक खेल का मैदान, सार्वजनिक चरागाह, श्मशान, सार्वजनिक तालाब, नदी, आदि ।

.राष्ट्रीय संसाधन(National resource)-:वैसे सभी संसाधन जो राष्ट्र की संपदा हैं, राष्ट्रीय संसाधन कहलाते हैं। जैसे सड़कें, नदियाँ, तालाब, बंजर भूमि, खनन क्षेत्र, तेल उत्पादन क्षेत्र आदि

.अंतर्राष्ट्रीय संसाधन(international resource)-:तटरेखा से 200 समुद्री मील के बाद खुले महासागर तथा उसके अंतर्गत आने वाले संसा अंतर्राष्ट्रीय संसाधन के अंतर्गत आते हैं।अंतर्राष्ट्रीय संसाधनों का उपयोग बिना अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों की सहमति के नहीं किया जा सकता है।

विकास के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण
विकास के आधार पर संसाधनों को चार भागों में बाँटा गया है।
1.संभावी संसाधन(potential resources)
2.विकसित संसाधन(developed resource)
३.भंडार संसाधन (stock resources)
4.संचित कोष(Consolidated Fund)

सतत पोषणीय संसाधन क्या है 

सतत पोषणीय संसाधन(Sustainable development resource)-:वे होते है जिनका उपयोग इस तरह किया जाता है कि हमारी वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्तिहो सके और भविष्य की पीढियों के लिए भी उपलब्ध रहे इसका मुख्य उद्देश्य प्रथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों का इस प्रकार से प्रयोग करना है कि खपज न हो और पर्यावरण में संतुलन बना रहे इसमें नवीकरणीय संसाधनों जैसे सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा शामिल हैं

संसाधन संरक्षण का किसे कहते है

संसाधनों का संरक्षण(Conservation of resource)-:बिना संसाधन के विकास संभव नहीं है। लेकिन संसाधन का विवेकहीन उपभोग तथा अति उपयोग कई तरह के सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यावरणीय समस्या उत्पन्न कर देते हैं। अत: संसाधन का संरक्षण अति आवश्यक हो जाता है। इसलिए हमें संसाधन का उपयोग अतिआवश्यक कार्य के लिए किया जाना चाहिए विधुत का उपयोग समय पर करना चाहिए नहीं तो कोइला ही विदुत का श्रोत है जल का उपयोग सीमित कीजिये आदि वस्तुओं का बचाव जरूरी है संसाधानो का संरक्षण करना अतिआवश्यक है।

सारांश:

आशा करता हूँ की यह लेख आपको हर जरुरत में मदद करे, आपके संसाधन से जुड़े हर प्रश्न का उत्तर दे पाये

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